शायद वर्तमान में, भारत में संस्कृत और भारतीय सभ्यता के सर्वश्रेष्ठ विद्वान पद्म
भूषण प्रोफेसर सत्यव्रत शास्त्री से मिलने का सुनहरा अवसर राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा
के सदस्य डॉ. ए. के. मर्चेंट को मिला। प्रोफेसर शास्त्री बारे में दस डॉक्टरेट थीसिस
लिखे जा चुके हैं।
संस्कृत भाषा और साहित्य में उनका योगदान कई गुना है। डॉ. मर्चेंट से हुई बातचीत
के दौरान उन्होंने बहुत ही प्रसन्न्तापूर्वक प्रभुधर्म के बारे में सुना और कुछ पवित्र
लेखों का संस्कृत में अनुवाद करने के सुझाव को भी सहर्ष स्वीकार किया। अगले दिन डॉ.
मर्चेंट को प्रोफेसर शास्त्री द्वारा दोपहर के भोजन लिए आमंत्रित किया गया उस दौरान
पवित्र भूमि की एक विशेष एल्बम उन्हें भेंट की गई। प्रोफेसर और उनकी पत्नी दोनों ही
बहुत सज्जन हैं। डॉ. मर्चेंट उनके साथ मित्रता और प्रभुधर्म का अध्ययन जारी रखने के
लिए तत्पर हैं।
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