परम प्रिय मित्रगण
हमें
इस बात की प्रसन्नता है कि पाँच वर्षीय योजना की प्रक्रियाएँ
प्रत्येक समुदाय
में सेवा भाव जागृत कर रही हैं और सार्थक उद्देश्यपूर्ण कार्यों को प्रोत्साहित कर
रही हैं। प्रत्येक दिन इस बात के प्रमाण मिल रहे हैं कि किस तरह व्यक्ति
- व्यक्ति के हृदय तक पहुँचने, उसकी आत्मा को प्रभु के वचनों से आलोकित
करने और उन्हें समाज को बेहतर बनाने में योगदान देने के लिए आमंत्रित
करने के कार्य, समय के साथ-साथ, मानवजाति का व्यापक हित करने में सक्षम होंगे। पूरे समुदायसमूह
के इन सुव्यवस्थित सामूहिक प्रयासों में पाँच वर्षीय योजना के तत्वों के घुल-मिल जाने
से यह सामूहिक अभियान और भी स्पष्ट तथा प्रभावी हो गया है तथा इसकी व्यापक
प्रभावशीलता और तेजी से स्पष्ट होती जा रही है। इस तरह के
समुदायसमूह में अनुभवी अनुयायियों के साथ-साथ प्रभुधर्म को स्वीकार
करने वाले नए मित्रों को भी एक साथ काम करने का अवसर मिलता है,
चाहे उनकी आयु या पृष्ठभूमि
कुछ भी हो। सेवा कार्यों में, एक दूसरे के सहयोग से, योजना को लागू करने में प्रत्येक
की भागीदारी सुनिश्चित होती है। महत्वपूर्ण गतिविधियों में लगे बहाई
जगत के परिदृश्य से एक गतिविधि विशेष रूप से आकृष्ट करती
है - वह है प्रत्येक महाद्वीप में युवाओं का निर्णायक योगदान। इस योगदान
में, ”प्रभुधर्म
की भावी प्रगति और विस्तार“ में प्रिय धर्मसंरक्षक द्वारा युवाओं में व्यक्त की गई
आशाओं की परिपुष्टि नज़र आती है। उस विश्वास की पुष्टि भी जिस विश्वास
से संरक्षक ने ”युवाओं के कंधों पर मानव समुदाय की निःस्वार्थ सेवा की भावना
को जागृत रखने का दायित्व“ सौंपा था। उन युवाओं की संख्या पर भी हम आश्चर्यचकित हैं,
जिन्होंने,
बहाई समुदाय के साथ
बहुत थोड़े समय के परिचय के बाद ही, अपने आपको अर्थपूर्ण सेवा-कार्यों
में लगा लिया और बड़ी तेजी़ से प्रभुधर्म के समुदाय-निर्माण के प्रयासों
में निष्ठापूर्वक जुड़ गये हैं। निश्चित रूप से हम उनके और उनके
समान सोच रखने वाले युवाओं के उन उत्सुक प्रयासों की सराहना किये
बग़ैर नहीं रह सकते जिन्हें सम्पादित कर उन्होंने अपने आसपास के लोगों,
विशेषकर स्वयं से कम
उम्र के युवाओं, के आध्यात्मिक और सामाजिक विकास में मदद करने का बीड़ा उठाया है। स्वार्थ
के इस दौर में, जब आध्यात्मिक जुड़ाव भी पुरस्कार और व्यक्तिगत लाभों
के तराजू पर तौला जाता है, 15 से अधिक और 30 वर्ष से कम के ऐसे युवाओं को निःस्वार्थ
सेवा में लगे देखना वास्तव में मन को छूने वाला है, जो बहाउल्लाह के विचारों
से प्रेरित हैं और जो स्वयं की अपेक्षा दूसरों की ज़रूरतें पूरी
करने को तत्पर हैं। ऐसे उच्च विचारों वाले युवा अपने प्रयासों से,
साथ-साथ पूरे समुदाय को
प्रदत्त अपनी ऊर्जा से, लक्षित प्रयासों में अपने इतने प्रभावशाली योगदान
देंगे, कि यह
इन प्रयासों की अपेक्षित गतिवृद्धि के लिए, शुभ संकेत है। पिछले
दो वर्षों के दौरान जो कार्य सम्पन्न हुए हैं, निश्चित रूप से न
केवल वर्तमान योजना के अंतिम वर्षांे में, बल्कि रचनात्मक काल की पहली शताब्दी के शेष वर्षों
में उससे कहीं अधिक कार्य सम्पन्न होंगे। इस शक्तिसम्पन्न कार्य को प्रोत्साहित
करने के लिए और इस तेजी से सिमट रहे अंतराल में पूरी तरह अपनी जि़म्मेदारियों
के निर्वहन के लिए, युवाओं का आह्वान करते हुए हम जुलाई से अक्टूबर माह के बीच विश्व के विभिन्न
स्थानों पर 95 युवा सम्मेलनों के आयोजन की घोषणा करते हैं: एकरा, अदीस अबाबा, ऑगस्किलिंटेस, अलमाटी, एंताननरिवो, ऐपिया, अटलांटा, ऑकलैंड, बाकू, बंगलौर, बांगुई, बरदिया, बैटमबैंग, भोपाल, भुवनेश्वर, बोस्टन, ब्राजीयि, ब्रिजटाडन, बुकावु, कैली, कैनोआस, कोर्टेजेना, डि इंडियास, चैन्नई, चिबोंबो, शिकागो, चिसिनों, कोचांबा, डाइगनाव, डायार, डलास, डैनान, दारूस्लाम, ढाका, डेनि प्रो पेत्रोवस्क,
दरहाम (अमेरिका)
फ्रैकफर्ट, गुवाहटी, हेलसिंकी, इस्तांम्बुल (2), जकार्ता, जोहान्सबर्ग बजे, कदुगनावा, कम्पाला, कनंगा, कराची, स्बुजंद, किंशास, कोलकाता, कुचिंग, ला, लिमा, लंदन, लुबुम्बाशी, लखनऊ, मकाऊ, मैंड्रिक, मनीला सातुंडा सॉय, मौरक्को, अविनी लुंगा, म्ज़ुजू, नादी, नैरोबी, नई दिल्ली, ऑकलैंड, ओरावलो, युआगावुगू, पंचगनी, पेरिस, पटना, पर्थ, फीनिक्स, पोर्ट-ओ-प्रिंस, पोर्ट डिम्सन, पोर्ट मोर्सबी, पोर्ट विला, सैन डियागो, सैन जोस
(कोस्टारिका), सैन जोस सिटी (फि़लीपींस), सेन साल्वाडोर, सेटियागो, सैपेल, सारह, सेबरेंग पेराप, साउथ टारावा, सिडनी, तबिलिसी, थायलो, टिराना, टोंरटो, उलानबातार, बैकुंवर, वेरोना और याउंडे में ये सम्मेलन
होंगे। हम इन सम्मेलनों में उन सभी युवाओं को आमंत्रित करते हैं जो पाँच वर्षीय योजना
की गतिविधियों और प्रणालियों को, एक बेहतर समाज के निर्माण की दिशा में,
अभियान का सशक्त माध्यम
मानते हैं और सभी बहाइयों से हम प्रतिभागियों के लिए, जिनके प्रयासों पर बहुत कुछ
निर्भर करता है, हार्दिक समर्थन की कामना करते हैं। प्रिय मित्रों, युवा अनुयायियों की प्रत्येक
पीढ़ी के समक्ष मानवजाति के भविष्य के लिए योगदान करने का
अवसर आता है, जो उनके जीवन काल में अतिविशिष्ट होता है। वर्तमान पीढ़ी के लिए वह
समय आ गया है जब वे विचार करें, संकल्प लें, स्वयं को उस सेवा में समर्पित
कर दें जिससे आशीषों की निर्झरणी प्रवाहित होगी। पावन देहरी पर अपनी प्रार्थनाओं
में हम ”प्राचीनतम
सौन्दर्य“ से निवेदन करेंगे कि वे पथ से विचलित और दिग्भ्रमित मानवजाति के
बीच, उन पवित्र
शुद्ध आत्माओं को स्पष्ट दृष्टि का वरदान दें। उन युवाओं को जिनकी निष्ठा
और विवेक को दूसरों के दोषों के कारण तथा अपनी किसी कमी के कारण सक्रिय न
हो पाने पर, कम करके न आँका जाये; उन युवाओं को जो मार्गदर्शन के लिए ”मास्टर“ की ओर उन्मुख होंगे और ”अंतरंग मित्रों के दायरे
में आने वाले अन्य मित्रों को भी इस ओर उन्मुख“ करेंगे; उन युवाओं को, जिनकी अंतरात्मा समाज की
त्रुटियों को देखकर उन्हें इसके परिवर्तन की दिशा में काम करने को
प्रेरित करेगी, न कि इससे पलायन करने को; वे युवा जो किसी भी कीमत पर, असमानता के हर रूप को अस्वीकार करेंगे
और हर सम्भव प्रयास करेंगे कि न्याय के आलोक की किरणें समान रूप से पूरे विश्व पर
अवतरित हों। -विश्व न्याय मन्दिर
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