महाराष्ट्र में सांगली की सरकारी काॅलोनी में उन युवाओं के
साथ जो किशोर कार्यक्रम पूर्ण कर चुके हैं रूही पुस्तक-1 का स्टडी
सर्कल शुरू किया गया। जैसे ही उन्होंने प्रार्थना की इकाई पूर्ण
की उन्होंने अपने समुदाय में भक्तिपरक बैठक का आयोजन किया,
जिसमें उन्होंने अपने अभिभावकों
और पड़ोसियों को आमंत्रित किया गया। 15 अभिभावक इस भक्तिपरक बैठक में
शामिल हुए। भक्तिपरक बैठक समाप्त होने के बाद अभिभावकों ने कहा
कि यह बैठक बहुत सुन्दर थी और कहा कि वे अपने घरों में भी
इस प्रकार की भक्तिपरक बैठकें करना चाहते हैं। 10
फरवरी को इससे भी बड़े पैमाने पर भक्तिपरक बैठक का आयोजन
किया गया, जिसमें उनके तथा किशोरों के अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया। 30
लोगों ने इस भक्तिपरक बैठक में भाग लिया। उनके अभिभावकों ने
इस कार्यक्रम की व्यवस्था करने में उनकी मदद की। पहले प्रार्थनायें की
गईं और फिर बाद में स्थानीय आध्यात्मिक सभा द्वारा रूही पुस्तक-1
पूर्ण करने वालों को प्रमाणपत्र दिये गये। रूही पुस्तक-1 का अध्ययन करने
वाले प्रतिभागियों ने अपने अनुभव सुनाये और ‘प्रार्थना का महत्व’
तथा ‘जीवन और
मृत्यु क्या है’ इस विषय में भी बताया। किशोरों ने भी अपने अनुभव सभी
के साथ बांटे और बहाई गीत तथा एकता पर नाटक प्रस्तुत किये।
अंत में श्री परिमल महातो ने अभिभावकों को स्त्री-पुरुष तथा आध्यात्मिक
और भौतिक शिक्षा में समानता समझने में मदद की।
Monday, July 22, 2013
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