Wednesday, April 18, 2012

राज्यों में आयोजित विंटर स्कूलों की झलक

राज्य बहाई परिषद केरल द्वारा 26 से 29 जनवरी 2012 तक नायाटूपारा, कन्नूर के चैतन्यापुरी ऑडिटोरियम में केरला के 33वें विटंर स्कूल का आयोजन किया गया। विंटर स्कूल का विषय था ‘‘समाज परिवर्तन के लिए क्षमता निर्माण’’। इस अवसर पर लगभग 216 मित्रगण शामिल हुए, जिसमें अधिकतर परिवार शामिल थे। यह बहुत हर्ष की बात थी कि इसमें बड़ी संख्या में बच्चे और किशोर उपस्थित थे। केरल के अनुयायियों के लिए पारिवारिक सम्मेलन होने के कारण यह विंटर स्कूल उनमें उत्साह और प्रसन्नता का संचार करता है। इस वर्ष विंटर स्कूल में सलाहकार श्री ओमिद सियोशानसियान, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री पी. के. प्रेमराजन, राष्ट्रीय सांख्यिकी पदाधिकारी श्री टीप्रभाकरण् , सुश्री शहनाज फरूदी आरै सुश्री महेनाज़ कोहिनूरी मौजूद थीं। इनके अलावा इंग्लैंड, नई दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक से आये मित्र भी शामिल हुए। इस अवसर पर केरल के सभी सहायक मण्डल सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की। विंटर स्कूल का आरम्भ कन्नूर क्लस्टर द्वारा आयोजित युनिटी फीस्ट से हुआ। इस अवसर पर सलाहकार श्री ओमिद, श्री पी. के. प्रेमराजन और डॉ. के. एमरामानन्दन ने मित्रों को शुभकामनायें दीं। परिचय सत्र के दौरान प्रत्येक व्यक्ति और परिवार ने मंच पर आकर अपना-अपना प रिचय दिया। परिषद के अध्यक्ष श्री एमसरवनन ने विंटर स्कूल के महत्व के बारे में बताया और सचिव श्री पी. गोपीनाथ कुरूप ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। सलाहकार श्री ओमिद सियोशानसियान ने विंटर स्कूल के विषय ‘‘समाज परिवर्तन के लिए क्षमता निर्माण’’ पर अपनी प्रस्तुति दी। उसके बाद सहायक मण्डल सदस्यों की सहायता के द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विश्व न्याय मन्दिर के 28 दिसम्बर 2010 के संदेश का विस्तार से अध्ययन किया गया ताकि मित्रों को विकास कार्यक्रमों के लिए अच्छी जानकारी और दृष्टिकोण प्राप्त हो सके, जिससे कि वह अपने क्लस्टरों में व्यापक समझ के साथ लौटें। पायनीयरिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बहुत ही प्रभावी प्रस्तुति दी गई, जिसके परिणामस्वरूप 16 मित्रों ने होमफ्रंट पायनियरिंग के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की। सहायक मण्डल सदस्यों द्वारा कार्यशाला का संचालन किया गया जिसमें रिज़वान 2010 के संदेश में विशेषकर बहाई बच्चों की कक्षायें और किशोर आध्यात्मिक सशक्तिकरण कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला गया। प्रत्येक समूह की प्रस्तुति से यह स्पष्ट था कि गहन अध्ययन किया गया है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री पी. केप्रेमराजन द्वारा बहाई कोष और हुकूकुल्लाह पर आधारित विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया। उन्होंने बहाई कोष में योगदान के आध्यात्मिक पहलू के विषय में विस्तार से बताया कि यह सौभाग्य केवल हम बहाइयों को ही प्राप्त है। एक अन्य सत्र के दौरान श्री प्रेमराजन ने केरल में बहाई धर्म के पिछले 50 साल के इतिहास के बारे में संक्षेप में बताया जो बहुत ही प्रेरणात्मक था। बहाई प्रशासन और स्थानीय आध्यात्मिक सभा जैसे विषयों पर भी उन्हानें अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। डॉ. के. एम. रामानन्दन ने पावर प्वायंट द्वारा शोगी एफेंदी के जीवन और उद्देश्य के विषय में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे प्रिय धर्मसंरक्षक ने कठिन परिश्रम और त्यागपूर्वक प्रशासनिक संस्थानों का निर्माण किया। राष्ट्रीय सांख्यिकी पदाधिकारी श्री टी. प्रभाकरण ने ‘‘अब्दुलबहा एक सच्चे आदर्श’’ जैसे विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब्दुलबहा के जीवन के बारे में पर्याप्त रूप से नहीं कहा जा सकता क्योंकि वे किसी भी मूल्यांकन से परे हैं। बहाउल्लाह की सभी शिक्षाओं के वह सच्चे आदर्श थे। सुश्री शहनाज फुरूदी ने ‘‘विकास कार्यक्रम में युवाओं की भूमिका’’ जैसे विषय पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सभी युवाओं को समुदाय की गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। केवल इस तरह से ही वे अपने आप को भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। श्री टी. प्रभाकरण और श्री एम. सरवनन द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई जो अत्यंत ज्ञानवर्द्धक थी और मित्रों को धर्म की केन्द्रिय विभूतियों के लेखों का अभ्यास करने का संकल्प करने के लिए प्रेरित किया। यह विंटर स्कूल पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर रहा। समापन समारोह के अवसर पर केरल के बाहर से आये हुए मित्रों ने विंटर स्कूल के बारे में अपने-अपने विचार बांटे। इस अवसर पर उपस्थित सभी मित्र प्रसन्न थे उनका मानना था कि यह विंटर स्कूल बहुत ही व्यवस्थित था और इसके माध्यम से उन्हें और अधिक ज्ञान तथा नया दृष्टिकोण प्राप्त हुआ।
Gwalior Baha'i Winter School
Indore Baha'i Winter School
Kerala Baha'i Winter School
मध्यप्रदेश में इंदौर के विजयनगर में किशोरों के लिए शीतकालीन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 68 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पुस्तकों का अध्ययन पूर्ण करने के अनुसार सभी को सात समूहों में विभाजित किया गया। चार समूहों ने ‘‘आशा की किरण’’, दो समूहों ने ‘‘आस्था की चेतना’’ और एक बड़े समूह ने ‘‘सम्पुष्टि की सुरभि’’ नामक पुस्तक का अध्ययन किया। इस शिविर में एक विशेष सत्र के दौरान डॉ. मधुर नवलानी द्वारा निशुल्क दंत चिकित्सा जांच का आयोजन भी किया गया। शिविर के समापन समारोह के दौरान सभी अभिभावकों को आमंत्रित किया गया। शिविर के प्रतिभागियों द्वारा प्रार्थनायें, गीत, और नाटक आदि प्रस्तुत किये गये। उन्होंने किशोरों की आवश्यकताओं, शिविर के उद्देश्य और अभिभावकों की उम्मीदों के बारे में भी बताया। सभी प्रतिभागी इस कार्यक्रम में भाग लेकर प्रसन्न थे। अभिभावक अपने बच्चों को इस प्रकार के आध्यात्मिक सशक्तिकरण शिविर में भेजकर संतुष्ट थे। कुछ अभिभावको ने भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों को अपने क्षेत्र या अपने घरों पर करने की पेशकश भी की। इस प्रकार के शिविर द्वारा सभी अनुप्रेरकों और स्वयंसेवकों को एक साथ मिलने, हाथ से हाथ मिलाकर कार्य करने का और सेवा की भावना को महसूस करने का अवसर प्राप्त हुआ।

पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू और कश्मीर की क्षेत्रीय बहाई परिषद द्वारा 27 से 29 जनवरी 2012 तक चंड़ीगढ़ में परामर्श सम्मेलन के साथ विंटर स्कूल का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर सलाहकार श्रीमती ग्लोरिया जावेद, राष्ट्रीय सचिव सुश्री नाज़नीन रौहानी और सहायक मण्डल सदस्य भी उपस्थित थे। उन्होंने प्रतिभागियों के साथ क्षेत्र में विकास प्रक्रिया पर चर्चा की। इस सम्मेलन में बच्चे, युवा और वयस्क मिलाकर लगभग 60 मित्रगण शामिल हुए। मित्रों ने विश्व न्याय मंदिर के संदेश 28 दिसम्बर 2010, 12 दिसम्बर 2011 और 29 अगस्त 2010 का गहन अध्ययन किया। विंटर स्कूल के दौरान युवा अपने क्षेत्र में विकास प्रक्रिया में तीव्रता लाने के प्रति बहुत उत्साहित लग रहे थे। प्रतिभागियों ने अपने क्लस्टर के लिए योजना बनाई जिसे रिज़वान 2012 से पहले पूरा किया जा सके। युवाओं ने लघु नाटिका, गीत और नृत्य प्रस्तुत किये, जिसे देखकर प्रतिभागी प्रभुधर्म की सेवा के लिए प्रोत्साहित हुए।

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