Tuesday, January 10, 2012

बैंगलोर के बहाई प्रतिनिधिमण्डल की कर्नाटक के राज्यपाल से भेंट

दायें से बायें : श्री दिनेश राव, डॉ. अहमद अंसारी, महामहिम राज्यपाल डॉ. एच. आर. भारद्वाज और श्रीमती माला मल्लिकार्जुन
बैंगलोर का बहाई प्रतिनिधिमण्डल जिसमें डॉ. अहमद अंसारी, श्रीमती माला मल्लिकार्जुन और श्री दिनेश राव शामिल थे, कर्नाटक के राज्यपाल महामहिम डॉ. एच. आर. भारद्वाज से बैंगलोर के राजभवन में मिले। प्रति- निधिमण्डल ने उन्हें एक पुस्तकों का सेट भेंट किया, जिसमें अतुल्य भारत, वन कंट्री, बहाई अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का दस्तावेज आदि शामिल थे। डॉ. भारद्वाज को सब कुछ विस्तार से बताया गया और बहाई उपासना मन्दिर की रजत जयंती के बारे में जानकर वह बहुत हर्षित हुए। इस अवसर पर उन्होंने बहाई समुदाय को एक संदेश भी दिया- ‘‘मैं यह जानकर अत्यंत प्रसन्न हूँ कि बैंगलोर का बहाई समुदाय’’ बहाई उपासना मन्दिर की 25वीं वर्षगांठ का उत्सव मना रहा है, जिसे भारत में लाखों लोग कमल मन्दिर के नाम से भी जानते हैं। मन्दिर एक ‘‘भौतिक संरचना’’ है लेकिन उसका ‘‘आध्यात्मिक प्रभाव’’ है, जिसका वास्तव में जीवन के हर चरण पर शक्तिशाली प्रभाव है। इसका उद्देश्य केवल उपासना करने से पूरा नहीं होता, यह उन लोगों को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है जो मानवजाति को पुनर्जीवित करने का काम कर रहे हैं। मन्दिर के अन्दर हम प्रार्थना और ईश्वर की स्तुति करते हैं जो बाहरी दुनिया में दया, संरक्षण, और शिक्षा के रूप में परिवर्तित होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि मानवजाति की सेवा को ऊँचाइयों पर ले जाने हेतु अपनी सेवा देने के लिए मित्रगण प्रोत्साहित होंगे।’’ डॉ. भारद्वाज ने बहाई उपासना मन्दिर और राष्ट्रीय कार्यालय के अपने अनेक भ्रमणों को याद किया। उन्होंने शांति, प्रेम और एकता में योगदान करने वाले मित्रों की प्रशंसा की। उन्होंने प्रतिनिधियों के साथ कुछ समय बिताया तथा धर्म, दर्शनशास्त्र और भारत में शासन पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लिए भारत एक स्वतंत्र देश है, ईरान के बिल्कुल विपरीत जहाँ अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है। डॉ. भारद्वाज ने बहाई प्रतिनिधियों को अपने द्वारा लिखित इंडिया - ए फेलोशिप ऑफ फेथ्सनामक एक पुस्तक उपहार स्वरूप दी और उन्होंने उस पुस्तक पर अपनी हस्तलिपि में कुछ शब्द भी लिखे।

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