बहाउल्लाह के नियमों की पुस्तक किताब-ए-अकदस कहलाती है। यह नियम आगामी 1000 वर्षों के लिए सर्वमान्य हैं जब तक कि ईश्वर पृथ्वी पर अपने अगले अवतार को नहीं भेजता। प्रत्यक्षतः समाज आने वाली शताब्दियों में बहुत अधिक विकसति होगा, अभी बहाउल्लाह के सभी नियम अनुपालन में नहीं हैं। जैसे-जैसे बहाई समुदाय परिपक्व होता जाता है वैसे-वैसे आपका परिचय नये नियम से करवाती है। विश्व न्याय मंदिर उन्हें तब लागू करेगा जब बहाई समुदाय अन्य नियम को पालन करने के लिए तैयार होगा। वर्तमान में जिन नियमों का पालन बहाई समुदाय करता है उनमें से कुछ निम्नवत हैं:-
- प्रत्येक प्रातः एवं सायंकाल प्रार्थना एवं पवित्र लेखनियों से पाठ।
- प्रतिदिन अनिवार्य प्रार्थनाओं का गायन।
- सर्वमहान नाम अल्लाह-ओ-आभा (ईश्वर सर्वमहिमामय है) का 95 बार प्रत्येक दिन पाठ।
- बहाई कैलेण्डर का अनुपालन, जिसमें बहाई अवकाश और उपवास माह को भी शामिल किया गया है।
- बहाई विवाह और शव-संस्कार के अनुपालन की आवश्यकता।
- सभी प्रकार के शराब और मादक द्रव्यों से दूर रहना।
- पीठ पीछे बुराई से दूर रहना व समुदाय की एकता के लिए कार्य करना।
- बचत की राशि से एक निर्धारित प्रतिशत का ईश्वराधिकार (हुकूकुल्लाह) के रूप में अदा करना।
- राजनैतिक पार्टी में भागीदारी ना करना व अपनी लेखनी एवं भाषणों में राजनेताओं के नाम तक का उल्लेख न करना।
ये नियम स्वेच्छा से बहाईयों द्वारा अनुपालित किये जाते है क्योंकि वह यह जानते हैं कि ये उनकी आध्यात्मिक प्रगति में व एक बेहतर दुनिया का निर्माण करने में सहायक होंगे।
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