Thursday, January 20, 2011

जनगणना 2011 के लिये कुछ मार्गनिर्देश प्रत्येक अनुयायी के लिए

बहाई धर्म की स्वतंत्र पहचान बनाने के लिए हम आपको एक अच्छे काम से जुड़ने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं। आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में बहाई रहते हैं और इसकी कुल आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा भारत में निवास करता है, जो बहाउल्लाह की शिक्षाओं के अनुसार जीवन-यापन कर रहा है। अपने अधिकार की रक्षा करें और साथ ही अपने साथी बहाइयों के अधिकार की रक्षा करें। आपका और आपके साथी बहाइयों का यह अधिकार है कि जनगणना अधिकारी जब आपके बारे में पूछताछ करने आयें तो अपना धर्म आप और आपके साथी 'बहाई' लिखवायें।

अपना धर्म 'बहाई' लिखवाने की राह में जो बाधायें आसकती हैं उनसे परिचित हो जायें अपना धर्म 'बहाई' दर्ज क़राने के महत्व की जानकारी पाने के अलावा आपको उन कारणों की जानकारी भी होनी चाहिये, जिनकी वजह से जनगणना करने वाले 'अन्य' के कॉलम में आपका धर्म बहाई नहीं लिख पाते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं :

1. जनगणना करने वाले अक्सर किसी व्यक्ति के नाम से उसके धर्म का निर्धारण कर लेते हैं।

2. कभी-कभी जनगणना करने वाले ग्राम प्रधान से सम्पर्क कर उनकी सहायता से एक ही जगह पर बैठकर पूरे गाँव का ब्योरा फॉर्म में भर लेते हैं।

3. ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर बहाई मित्रगण अपने अधिकार का उपयोग करने में हिचकिचाते हैं और दूसरों के सामने अपने को बहाई कहने से कतराते हैं, खासकर जब कोई सरकारी पदाधिकारी उनसे उनके बारे में ब्योरा मांगते हैं।

4. जनगणना के फॉर्म में जो कॉलम बने होते हैं उनमें भारत के सभी प्रमुख धर्मों का विवरण होता है। अल्पसंख्यक समुदायों के लिये 'अन्य' शीर्षक से एक कॉलम होता है। इसी कॉलम में बहाइयों को अपना धर्म 'बहाई' लिखना होगा।

5. चूंकि जनगणना करने वालों को बहाई धर्म की स्वतंत्र धर्म के रूप में जानकारी नहीं होती, इसलिये धर्म के कॉलम में वह बहाई लिखने से मना भी कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में एक बहाई को चाहिये कि जनगणना करने वाले अधिकारी का नाम वह नोट कर लें और अपने पास के जनगणना कार्यालय से सम्पर्क कर शिकायत दर्ज क़रायें।

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