Wednesday, March 3, 2010
भग्वद वाणी
''हे ईश्वर ! विषमता और दुराव के जो भी तत्व हैं उन्हें दूर कर दो और हमें वह दो जो एकता और परस्पर प्रेम का कारण बनते हों। हे ईश्वर ! हमारे ऊपर स्वर्गिक सुरभि की वर्षा करो और इस सम्मेलन को स्वर्ग के सम्मेलन में परिणत कर दो। हमें प्रत्येक लाभ आैर प्रत्येक खाद्य पदार्थ दो। हमारे लिये प्रेम का भोजन तयौर करो। हमें ज्ञान का भाजेन दो, हमारे ऊपर स्वर्गिक प्रकाश के भाजेन रूपी आशीष की वर्षा करो।'' -अब्दुल-बहा
Posted by bhartiya-bahai at 5:33 AM
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