Thursday, December 20, 2012

कर्नाटक के विभिन्न क्लस्टरों में भगवान बहाउल्लाह के जन्मोत्सव समारोह की झलक

कर्नाटक के विभिन्न क्लस्टरों में भगवान बहाउल्लाह के जन्मोत्सव का कार्यक्रम बहुत की हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कंगेरी होब्ली क्लस्टर के प्रतिभागी प्रसन्नचित मुद्रा में
• कंगेरी होब्ली क्लस्टर में मित्रों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से इस कार्यक्रम की तैयारी की गई और लोगों को आमंत्रित किया गया, लगभग 200 लोगों ने इस समारोह में भाग लिया, जिन्हें बहाउल्लाह के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि रूही पुस्तक-1 को उनके समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके परिणामस्वरूप तुरन्त ही 30 से अधिक प्रतिभागियों के 2 स्टडी सर्कल तैयार हो गए। कंगेरी होब्ली समुदाय ने यह साबित कर दिया कि पावन दिवसों का पालन विस्तार का सुअवसर हो सकता है।
• चन्दापुर में एक नया समुदाय जहाँ बंगलौर के कुछ मित्र जा बसे हैं उन्होंने बहुत ही अच्छे तरीके से बहाउल्लाह का जन्मोत्सव मनाया। उन्होंने इलाके के बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें बच्चों सहित लगभग 200 मित्रों ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज की।
चन्दापुर क्लस्टर में आयोजित समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों द्वारा नृत्य प्रस्तुति
• रामनगर के समुदाय ने भी आशीर्वादित सौंदर्य के जन्मोत्सव को मनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। रामनगर की स्थानीय आध्यात्मिक सभा द्वारा एक प्रसिद्ध लेखक को आमंत्रित किया गया। उन्होंने स्वेच्छा से इंटरनेट पर बहाउल्लाह के बारे में शोध किया और ‘उनके’ विषय में इस रंगारंग अवसर पर उपस्थित बहाइयों, उनके परिजनों और जिज्ञासुओं को बताया। इसके अलावा मैसूर, मंगलौर और बंगलौर क्लस्टरों में भी बहाउल्लाह के जन्मोत्सव का कार्यक्रम बहुत ही धूमधाम से मनाया गया।


भारत में हुए राज्य / क्षेत्रीय सम्मेलनों की झलक

बिहार में आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन के प्रतिभागी
क्षेत्रीय बहाई परिषद् बिहार एवं झारखण्ड द्वारा 27 एवं 28 अक्टूबर 2012 को पटना के बहाई भवन में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार एवं झारखण्ड की 34 स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं के लगभग 150 बहाई मित्रों ने भाग लिया। सम्मेलन के दौरान प्रभुधर्म के विकास की गतिमयता, स्थानीय आध्यात्मिक सभा की भूमिका और अन्य संस्थाओं एवं एजेन्सियों से संबंध पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। साथ ही सम्मेलन के अंतिम दिन क्षेत्रीय परिषद् के पुनर्गठन के लिए चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं के 73 सदस्यों ने अपना पवित्र मतदान किया। इस अवसर पर सहायक मंडल सदस्य श्री रजनीश सिंह ने सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। तदुपरान्त सहायक मंडल सदस्य सुश्री ऋचा रानी, श्री ओमप्रकाश चैधरी, श्री शिवशंकर कुमार एवं श्रीमती उमा दलाई ने क्रमशः विकास प्रक्रिया में स्थानीय सभा की भूमिका एवं दायित्व, बहाई बाल कक्षा, किशोर समूह और अध्ययन- वृत्त कक्षा पर प्रस्तुति दी। इसी दौरान विकास प्रक्रिया में प्राप्त अनुभवों से भी उपस्थित मित्रों को अवगत कराया गया। सहायक मंडल सदस्य श्री राहुल कुमार ने परमप्रिय विश्व न्याय मंदिर द्वारा 28 दिसम्बर 2010 को प्रेषित संदेश के कुछ चयनित अंशों के माध्यम से स्थानीय आध्यात्मिक सभा के कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों पर परामर्श किया, जिसमें उपस्थित मित्रों ने उत्साह के साथ भाग लिया। इसके बाद सांख्यिकी पदाधिकारी श्री राजीव सक्सेना ने विकास प्रक्रिया में सांख्यिकी की महत्ता के संदर्भ में अपने विचार रखें। दूसरे दिन सहायक मंडल सदस्य श्री अभिनन्दन शर्मा ने क्षेत्रीय बहाई परिषद् की भूमिका एवं अन्य एजेन्सियों के साथ संबध विषय पर मित्रों के साथ विस्तृत चर्चा की। तदुपरान्त उपस्थित स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं के सदस्यों के साथ बहाई चुनाव की पवित्रता पर चर्चा हुई और क्षेत्रीय बहाई परिषद् के पुनर्गठन के लिए मतदान हुआ। परिषद् के पुनर्गठन के लिए मतदान के उपरान्त क्षेत्रीय बहाई परिषद् के सचिव श्री दीपेन्द्र कुमार चन्दन ने वार्षिक प्रतिवेदन पेश किया तथा परिषद् के कोषाध्यक्ष श्री नंदलाल प्रसाद ने कोष एवं आर्थिक आत्मनिर्भरता विषय पर अपने विचार रखे।
• छत्तीसगढ़ के बहाई मित्रों के लिये दिनांक 21 अक्टूबर-2012 को एक सम्मेलन का आयोजन बहाई सेंटर रायपुर में किया गया। कार्यक्रम का संचालन सहायक मण्डल सदस्य श्री राकेश शोरी द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में मित्रों के मार्गदर्शन हेतु राष्ट्रीय बहाई आध्यात्मिक सभा की कोषाध्यक्ष डॉ. शीरीन महालाती विशेष रूप से उपस्थित थी। डाॅमहालाती ने उपस्थित 45-50 मित्रों को बहाई कोष के बारे में, हुकुकुल्लाह एवं बहाई चुनावों की पवित्रता आदि विषय पर अलग- अलग पॉवर प्वाइंट के सहयोग से प्रस्तुतियाँ देते हुए मित्रों के ज्ञान को बढ़ाया एवं स्थानीय सभाओं के सदस्यों से परिषद हेतु मतदान कराया। सहायक मण्डल सदस्य एवं राज्य संयोजक श्री शिवकुमार साहू ने संस्थान प्रक्रिया एवं उसकी गुणवत्ता पर मित्रों का ध्यानाकर्षित किया तथा परिषद की ओर से परिषद सदस्य श्री मनीष चैहान द्वारा परिषद की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी गयी। इसी प्रकार परिषद का दूसरा सम्मेलन बहाई भवन भोपाल में 20 एवं 21 अक्टूबर-2012 को बड़े ही उल्लासमय वातावरण में सम्पन्न हुआ। पहले दिन के कार्यक्रम का संचालन सहायक मण्डल सदस्य श्री पातीराम नरवरिया द्वारा किया गया जिसमें प्रमुख वक्ता श्री पयाम शोगी रहे। श्री शोगी ने मित्रों को यह बताने का प्रयास किया कि हम अपनी एक दृढ़ बहाई पहचान कैसे विकसित करें तथा प्रभुधर्म की शिक्षण गतिविधि में भाग लेने की खुशी को जीवन में कैसे उतारें। कु. विवियन मर्चेंट ने अपना वक्तव्य देते हुए क्षेत्र के मित्रों को इंस्टिट्यूट फॉर स्टडीज़ इन ग्लोबल प्रोस्पेरिटी के बारे में विस्तार से बताया तदोपरांत बहाई प्रशासन एवं चुनावों की पवित्रता विषय पर विस्तारपूर्वक बताते हुए डॉ. आर. एस. यादव ने उपस्थित मित्रों को मंत्रमुग्ध किया एवं स्थानीय सभा के सदस्यों से परिषद हेतु मतदान कराया। परिषद अध्यक्ष डॉ. एफ.यू. शाद ने प्रभुधर्म का जीवन रक्त “बहाई कोष” पर अपना उद्बोधन दिया एवं मित्रों से कार्यक्रम को आत्मनिर्भर बनाने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में परिषद की वार्षिक रिपोर्ट सचिव प्रस्तुत करते हुए उपस्थित मित्रों का आभार प्रदर्शन परिषद की ओर से किया।
• त्रिपुरा के राज्य सम्मेलन में 322 मित्रों ने भाग लिया, जिसमें से 100 स्थानीय आध्यात्मिक सभा के सदस्य थे, जिन्होंने नई परिषद की चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया। इस अवसर पर चारों सहायक मण्डल सदस्य भी उपस्थित रहे, जिन्होंने बहाई प्रशासन, स्थानीय आध्यात्मिक सभा की भूमिका एवं उनके दायित्व, बहाई चुनावों की पावनता एवं पवित्रता और मतदान जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके उपरान्त सचिव और कोषाध्यक्ष द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
त्रिपुरा में आयोजित राज्य सम्मेलन के प्रतिभागी
• ओडि़षा में राज्य सम्मेलन दो भागों पश्चिमी (लिपीरपाडा) और पूर्वी (भुवनेश्वर) क्षेत्रों में सम्पन्न हुआ। पश्चिमी क्षेत्र में हुए सम्मेलन में लगभग 120 मित्रों ने भाग लिया। जबकि पूर्वी क्षेत्र में लगभग 16 स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं से आए 116 मित्रों ने भाग लिया। दोनों जोनों में सहायक मण्डल सदस्यों के मार्गदर्शन में कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
ओडि़षा में हुए सम्मेलन के प्रतिभागी
• केरल में कन्नूर और कोचि में दो दिवसीय राज्य बहाई सम्मेलन आयोजित किया गया। जिनमें 28 दिसम्बर 2010 के संदेश के विभिन्न भागों का अध्ययन किया। बहाई कोष के बारे में मित्रों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय सभा के पृष्ठ 2 का शेष सदस्य श्री पी. के. प्रेमराजन ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। कन्नूर में श्री एम0 सरवानन और सी0 पी0 बालकृष्णन तथा कोचि में श्री गोपीनाथ कुरूप द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
• पश्चिम बंगाल में आयोजित सम्मेलन में सहायक मण्डल सदस्यों तथा परिषद के सदस्यों द्वारा बहाउल्लाह का जीवन, बहाई चुनाव की पवित्रता, बहाई कोष की महत्ता, शिक्षण गतिविधियों में भाग लेने की खुशी तलाशना और कैसे हम अपनी गतिविधियों की गुणवत्ता में वृद्धि कर सकते हैं-जैसे विषयों पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर 24 क्लस्टरों से 156 मित्रों ने भाग लिया।

राजस्थान में युवा और बाल मेले का आयोजन

सांगनेर में आयोजित युवा मेले के प्रतिभागी
जयपुर के सांगनेर क्लस्टर में किशोर मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 22 किशोर समूहों से लगभग 150 से अधिक किशोरों ने भाग लिया। मेले में युवाओं और अनुप्रेरकों द्वारा खेल, प्रश्नोत्तरी, नृत्य और लघु नाटिका प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर युवाओं के लगभग 200 अभिभावक भी उपस्थित थे, उन्होंने प्रस्तुतियों की बहुत प्रशंसा की, परन्तु वे इस बात से अनभिज्ञ और आश्चर्यचकित थे कि यह सभी प्रस्तुति उनके बच्चों द्वारा ही प्रस्तुत की जा रही है। अपने बच्चों में हुए इस परिवर्तन को अभिभावकों ने स्वयं अपनी आंखों से देखा। इस कार्यक्रम में श्रम संघ के दो नेताओं को मुख्य अतिथि और सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। वे सांगनेर की भावी पीढ़ी में नैतिक विकास से बहुत प्रभावित हुए। जयपुर की स्थानीय सभा और कुछ मुख्य अनुयायियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना भरपूर सहयोग दिया। यह पहला अवसर था जब बहाई पवित्र दिवस राज्य के बहाई भवन के बाहर मनाया गया। वाटिका क्लस्टर में बहाई कक्षा के बच्चों के लिए बाल मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 8 कक्षाओं के 80 बच्चों ने भाग लिया। समारोह में बच्चों के अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया। जयपुर के मित्रगण, विशेष रूप से बच्चों की कक्षा के क्लस्टर संयोजक, शिक्षक और अनुप्रेरकों ने वाटिका के मित्रों की सहायता की। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा प्रार्थनायें, गीत और नृत्य प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर वाटिका के सरपंच को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि ‘ये बच्चे भविष्य में वाटिका को उज्ज्वल कर देंगे’। वे वाटिका में बहाइयों द्वारा किए जा रहे कार्य से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि वे बहाइयों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार हैं।
वाटिका में आयोजित बाल मेले में बच्चे नृत्य प्रस्तुत करते हुए

सूचना

1. केरल की श्रीमती उदय बैजू को सहायक मण्डल सदस्य (संरक्षक) के पद पर नियुक्त किया गया है।
2. सुश्री सुमन मोरे को मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के लिए सहायक मण्डल सदस्य (प्रसार) के पद पर नियुक्त किया गया है।
3. श्री जयदीप महालाती को मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के लिए सहायक मण्डल सदस्य (संरक्षण) के पद पर नियुक्त किया गया है।
4. श्री भैयासाहेब को महाराष्ट्र एवं गोवा के लिए सहायक मण्डल सदस्य (प्रसार) के पद पर नियुक्त किया गया है।
5. श्री आर0 कनन को तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के लिए सहायक मण्डल सदस्य (संरक्षण) के पद पर नियुक्त किया गया है।
6. केरल की श्रीमती शोगिता को सहायक मण्डल सदस्य (प्रसार) से सधन्यवाद दायित्व मुक्त कर दिया गया है।

वर्ष 2012-13 के लिए राज्य बहाई परिषद/क्षेत्रीय बहाई परिषद के सदस्यगण

Elected members of Regional Baha'i Council (RBC) and State Baha'i Council (SBC) for the year 2012 - 2013

राज्य बहाई परिषद आंध्र प्रदेश

रमा देवी
सुश्री कल्याणी
श्री देवी कुमार
ई0 ममता
श्रीनिवास मौली
अजय नायडू
श्रीमती पी0 तुलासी

क्षेत्रीय बहाई परिषद असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय एवं नगालैंड

आनन्दो ब्रह्मा
दिलीप दास
इबोम्चा मितई
नीतूमणि मजुमदार
शारदा नायक
डा0 नानी ओबिंग
डा. एस. के. पाणिग्रही
निर्मली सरमा
अंजू ठाकुर (नागालैंड)

क्षेत्रीय बहाई परिषद बिहार एवं झारखंड

दीपेन्द्र कुमार चन्दन
रंजन कुमार
राकेश कुमार (पुनपुन)
नन्द किशोर प्रसाद
राजन कुमार प्रसाद (पटना)
शैलेन्द्र प्रसाद
अरुण कुमार रोशन
राजीव सक्सेना
रश्मि सिन्हा

राज्य बहाई परिषद गुजरात

श्री राजेश अहीरे
ज्योति अहीरे
वसंत बागुल
जशुभाई भोये
जयेश भोये
प्रशांत चिनूभाई
राधा पारिख

राज्य बहाई परिषद् कर्नाटक

शीला अशोक (मांडेया)
श्री चन्द्रशेखर
सतीश कुमार एच0 डोडी
श्री मांचे गौडे
कैप्टन मल्लिकार्जुन
श्री लक्ष्मी नारायण
श्री बालाजी राव
श्रीमती यामिनी सांवत
श्री वसंथ सी0 एन0

राज्य बहाई परिषद् केरल

श्रीमती बिनारा घनबरी
श्री ओ0 हरेन्द्रन
श्री उनीज़ कोया
श्रीमती ज्योथी प्रभाकरण
श्री शीजू
श्री एम0 सरवानन
श्रीमती के पी श्रीमथी
श्री सी0 टी0 टोमी
श्री सी0 पी0 विनोद (तिरूर)

क्षेत्रीय बहाई परिषद् मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़

सुश्री ओमना के0 जी0
सुश्री नाज़नीन इंदौरवाला
श्री धर्मवीर नरवारिया
श्री सचिन पटेल
श्री कमल रावल
डा0 एफ. यू. शाद
श्रीमती ललिता शर्मा
श्रीमती मन्ना शर्मा
श्री खेमलाल ठाकुर

क्षेत्रीय बहाई परिषद् महाराष्ट्र एवं गोवा

श्रीमती कविता बरूआ
श्रीमती मार्जि़या दलाल
श्रीमती सुनीती जवांमर्दी
श्री दिनेश पगारे
श्रीमती मावेश रौहानी
श्री सुमित सिंह
श्रीमती वेलेंटिना सोहेली
श्री संजीव वत्स
श्री सियामक ज़ाहेदी

क्षेत्रीय बहाई परिषद् मणिपुर एवं मिजोरम

सुश्री अहनलिमा
श्रीमती बबीता देवी
सुश्री हरिबती देवी
सुश्री इनाओ देवी
श्रीमती सनाटुम्बी देवी
सुश्री एम0 ईचान
सुश्री इबेम्चा लाइशरोम
श्री सिदानन्द शर्मा
सुश्री सोबिता

राज्य बहाई परिषद् उड़ीसा

श्री तरंग दास
श्री रंजीत महाराणा
श्रीमती नादिया मोग्बेलपुर
श्री गदाधर मोहंती
श्री सुशांत नायक
श्री अनंग पटेल
श्री सुकांत राउत

क्षेत्रीय बहाई परिषद् पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर

श्री विकास छेत्री
श्री पूरन कटवाल
श्रीमती बबीता नन्दकिशोर
श्रीमती जोहरे रोशन
प्रोफेसर अनिल सारवाल
श्रीमती किरण सिन्हा
श्रीमती होमा ज़मानी

राज्य बहाई परिषद राजस्थान

डा0 नेज़ात हग़ीगत
श्री हरमीत कोहली
श्री राजेश मीणा
श्री रामेश्वर
श्री संजय शर्मा
श्री बनवारी तातवट
श्रीमती सुनीता तौंगराम

क्षेत्रीय बहाई परिषद् सिक्किम एवं दाजिलिंग

श्री टीका अधिकारी
श्री सागर गज़मेर
श्री हेस्सम ईसा
करुणा खाटी
सृजना लामा
श्री बिनोद पोखरेल
श्री हेम प्रधान
सुश्री रंजना प्रधान
श्रीमती रूपा प्रधान

क्षेत्रीय बहाई परिषद् तमिलनाडु एवं पुडुचेरी

श्री ए0 भारथ
सुश्री बहिया कारमेगम
श्री कमलासेखरन पांडेयान
सुश्री पी0 रथना
श्रीमती मोना शंकर
श्री सुब्रह्मणी
श्रीमती सुबद्रा वी0 एस0
श्री सुन्दरमूर्थि
श्री एम0 युवराज

राज्य बहाई परिषद् त्रिपुरा

श्री बिकास धर
श्री पंकज धर
श्री मनीष देब
श्री प्रबीर देबनाथ
श्री आलोक कार
श्री बिभूति करमाकर
श्री उत्तम मित्रा
श्री केशव राॅय
निरूपमा सिन्हा

क्षेत्रीय बहाई परिषद् उत्तर प्रदेश, उत्तराचंल एवं दिल्ली

श्री नदीम अमीर
श्रीमती रीना ब्रजेश कुमार
श्री प्रमोद मौर्य
डा. एलहाम मोहाजर
प्रियंका रामपाल
श्री प्रेम सिंह
श्री सत्यप्रकाश
श्री सुभाष तरफदार
श्री सुधीर उपाध्याय

राज्य बहाई परिषद् पश्चिम बंगाल

श्री तबरेज़ आलम
श्रीमती जे़बा आलम
श्री सैयद अली
श्री प्रदीप भट्टाचार्य
डा0 अरिंधम चटर्जी
श्रीमती कोमल घोष
श्री बादल चन्द्र महतो
श्री संजीव महतो
श्री सुनील महतो

डा. फरजा़म अरबाब और श्री काईज़र बान्र्स कार्यमुक्त हो रहे हैं

विश्व न्याय मन्दिर
5 नवम्बर, 2012
सभी राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभाओं को विश्व न्याय मन्दिर के सदस्यों पर काम के अधिक बोझ को देखते हुए डा. फरजा़म अरबाब और श्री काईज़र बान्र्स ने प्रभुधर्म के सर्वोच्च हित में प्रार्थनापूर्ण सोच-विचार कर और काफी उम्र हो जाने के कारण इस बात की अनुमति के लिये निवेदन किया है कि विश्व न्याय मन्दिर की सदस्यता से, इसके संविधान की धारा V.2 (c) के आधार पर उन्हें कार्यमुक्त किया जाये।
काफी दुःख के साथ विश्व न्याय मन्दिर ने इन अत्यन्त प्रिय सदस्यों के त्याग-पत्र स्वीकार किये हैं। डा. अरबाब विश्व न्याय मन्दिर के सदस्य के रूप में सन् 1993 में पहली बार निर्वाचित हुए थे और श्री बान्र्स सन् 2000 में। दोनों रिज़वान 2013 में होने वाले ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय बहाई अधिवेशन के दौरान विश्व न्याय मन्दिर के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने की तारीख तक काम करते रहेंगे।
प्रेमपूर्ण शुभकामनाओं के साथ
विश्व न्याय मन्दिर

Tuesday, December 11, 2012

Website of the Regional Baha'i Council of Bihar & Jharkhand

भारत में बहाई धर्म

भारत, बहाई धर्म से इसके उद्भव सन १८४४ से ही जुड़ा हुआ है, जिन १८ पवित्र आत्माओं ने \\\'महात्मा बाब \\\' , जो कि  \\\'भगवान बहाउल्लाह\\\' के अग्रदूत थे, को पहचाना और स्वीकार किया था, उन में से एक व्यक्ति भारत से थे.

आज लगभग २० लाख बहाई , भारत देश की महान विविधता का प्रतिनिधित्व, भारत के हर प्रदेश में  १०,००० से भी अधिक जगहों पर रहते हुए कर रहे हैं. 

" बहाउल्लाह " (1817-1892) बहाई धर्म के ईश्वरीय अवतार हैं. उन्हें बहाईयों द्वारा इस युग के दैवीय शिक्षक तथा ईश्वरीय अवतारों की कड़ी में सबसे नए अवतार, के रूप में माना जाता है जिन्होंने इस पृथ्वी के निवासियों को अपने दैवीय ज्ञान से प्रकाशित किया है. इस कड़ी में अब्राहम, मोज़ेज, भगवान बुद्ध, श्री कृष्ण, ज़ोरास्टर, ईसा-मसीह और मुहम्मद जैसे दैवीय शिक्षक थे.

" बहाउल्लाह " के सन्देश की मुख्य अवधारणा थी  कि सम्पूर्ण मानव एक जाति है और वह समय आ गया है, जब वह एक वैश्विक समाज में बदल जाये. " बहाउल्लाह " के अनुसार जो सबसे बड़ी चुनौती इस पृथ्वी के नागरिक झेल रहे है, वह है उनके द्वारा अपनी एकता को स्वीकार करना  और उस सम्पूर्ण मानवजाति की एकता की प्रक्रिया में अपना योगदान देकर सदैव प्रगति करने वाली सभ्यता को आगे बढ़ाना.

इस वेबसाईट पर पधार कर अपने विचार हमें ज़रूर भेजें। और बिहार झारखंड के सभी मित्रगणों को इस वेबसाईट का पता फारवर्ड करें।