Thursday, October 28, 2010

जनगणना 2011


प्रिय बहाई मित्रों ! भारत सरकार द्वारा जनगणना 2011 का प्रथम चरण पूरा हो चुका है। शीघ्र ही द्वितीय चरण की प्रक्रिया प्रारम्भ होने जा रही है, हम बहाइयों को इसके लिये जागरूक होने की आवश्यकता है, साथ ही अन्य मित्रों को इसके लिये शिक्षित करना है कि जब भी प्रगणक आपके घर पर आयें तो सक्रिय होकर धर्म के कॉलम में ''बहाई'' लिखवायें क्योंकि यही अवसर होता है जब हम सरकार के यहाँ अपने समुदाय की गणना कराते हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर का पूर्ण उपयोग करें।

राष्ट्रीय जनगणना टास्क फोर्स-2011

पुणे में सांख्यिकी सेमिनार का आयोजन

पुणे में आयोजित सांख्यिकी सेमिनार में भाग लेन वाले प्रतिभागी
पुणे के बहाई केन्द्र में सांख्यिकी सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में समुदायसमूह विकास सहायकों और विभिन्न समुदायसमूह विकास समितियों के कुछ सदस्यों ने भाग लिया। राष्ट्रीय सांख्यिकी अधिकारी ने सेमिनार के संचालन में सहयोग दिया। महाराष्ट्र के 9 विकसित समुदायसमूहों से 19 मित्रों ने इस एकदिवसीय सेमिनार में अपनी प्रतिभागिता दर्ज की। कार्यक्रम का आरम्भ समुदाय-समूहों के विकास से सम्बन्धित कुछ प्रश्नों से किया गया-सघन विकास कार्यक्रम क्या हैं ? सघन विकास कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है ? सघन विकास कार्यक्रम की सफलता की कुँजी क्या है ? सभी मित्रों ने इन प्रश्नों पर चर्चा की और अपने-अपने विचार व्यक्त किये। विकास कभी भी स्थिर नहीं होना चाहिए यह हमेशा आगे बढ़ता रहना चाहिए। ऐसा करने के लिए सभी एजेंसियों के बीच में समन्वय और यर्थाथवादी योजना बनाने की आवश्यकता है। सांख्यिकी अधिकारी ने सांख्यिकी, समुदायसमूह विकास एजेंसियों और समुदाय में समुदायसमूह विकास सहायकों की भूमिका से सम्बन्धित कुछ बिन्दुओं पर समीक्षा की। प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक प्रश्नों को पूछा और समुदायसमूहों के विषय में और अधिक जाना। एक व्यक्तिगत प्रश्न के उत्तार में सांख्यिकी अधिकारी ने कहा कि होमविजिट रूही पुस्तक-2 के दृढ़ीकरण विषय के आधार पर और श्रृंखलाबध्द होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दृढ़ीकरण विषयों की गंभीरता हमारी ऑंखों में प्रकटित होनी चाहिए तभी यह दूसरों पर एक अच्छा प्रभाव छोड़ सकती है। कई बार ऐसा होता है कि हम एक परिवार से मिलते हैं और हम केवल निजी बाते करते हैं, हम चाय पीते हैं और वापस आ जाते हैं, इसे सामजिक भ्रमण कह सकते हैं पर होमविजिट नहीं। होमविजिट में हमें नये बहाई परिवारों के साथ दृढ़ीकरण विषयों पर चर्चा करनी चाहिए। भोजनोपरान्त पावर प्वायंट प्रस्तुति देखी गई, जिसमें व्यवस्थित ढंग से सांख्यिकी आंकड़ों को एकत्रित करना और रखना देखा। समुदायसमूहों के पास प्रत्येक चक्र के नवीन सांख्यिकी आंकड़े होने चाहिए। अंत में बहाई बच्चों, किशोर और समुदायसमूहों के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए समुदाय विकास रूपरेखा की समीक्षा की। इस कार्यक्रम की सफलता में पुणे स्थानीय आध्यात्मिक सभा का विशेष योगदान रहा।