Thursday, December 20, 2012

भारत में हुए राज्य / क्षेत्रीय सम्मेलनों की झलक

बिहार में आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन के प्रतिभागी
क्षेत्रीय बहाई परिषद् बिहार एवं झारखण्ड द्वारा 27 एवं 28 अक्टूबर 2012 को पटना के बहाई भवन में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार एवं झारखण्ड की 34 स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं के लगभग 150 बहाई मित्रों ने भाग लिया। सम्मेलन के दौरान प्रभुधर्म के विकास की गतिमयता, स्थानीय आध्यात्मिक सभा की भूमिका और अन्य संस्थाओं एवं एजेन्सियों से संबंध पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। साथ ही सम्मेलन के अंतिम दिन क्षेत्रीय परिषद् के पुनर्गठन के लिए चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं के 73 सदस्यों ने अपना पवित्र मतदान किया। इस अवसर पर सहायक मंडल सदस्य श्री रजनीश सिंह ने सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। तदुपरान्त सहायक मंडल सदस्य सुश्री ऋचा रानी, श्री ओमप्रकाश चैधरी, श्री शिवशंकर कुमार एवं श्रीमती उमा दलाई ने क्रमशः विकास प्रक्रिया में स्थानीय सभा की भूमिका एवं दायित्व, बहाई बाल कक्षा, किशोर समूह और अध्ययन- वृत्त कक्षा पर प्रस्तुति दी। इसी दौरान विकास प्रक्रिया में प्राप्त अनुभवों से भी उपस्थित मित्रों को अवगत कराया गया। सहायक मंडल सदस्य श्री राहुल कुमार ने परमप्रिय विश्व न्याय मंदिर द्वारा 28 दिसम्बर 2010 को प्रेषित संदेश के कुछ चयनित अंशों के माध्यम से स्थानीय आध्यात्मिक सभा के कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों पर परामर्श किया, जिसमें उपस्थित मित्रों ने उत्साह के साथ भाग लिया। इसके बाद सांख्यिकी पदाधिकारी श्री राजीव सक्सेना ने विकास प्रक्रिया में सांख्यिकी की महत्ता के संदर्भ में अपने विचार रखें। दूसरे दिन सहायक मंडल सदस्य श्री अभिनन्दन शर्मा ने क्षेत्रीय बहाई परिषद् की भूमिका एवं अन्य एजेन्सियों के साथ संबध विषय पर मित्रों के साथ विस्तृत चर्चा की। तदुपरान्त उपस्थित स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं के सदस्यों के साथ बहाई चुनाव की पवित्रता पर चर्चा हुई और क्षेत्रीय बहाई परिषद् के पुनर्गठन के लिए मतदान हुआ। परिषद् के पुनर्गठन के लिए मतदान के उपरान्त क्षेत्रीय बहाई परिषद् के सचिव श्री दीपेन्द्र कुमार चन्दन ने वार्षिक प्रतिवेदन पेश किया तथा परिषद् के कोषाध्यक्ष श्री नंदलाल प्रसाद ने कोष एवं आर्थिक आत्मनिर्भरता विषय पर अपने विचार रखे।
• छत्तीसगढ़ के बहाई मित्रों के लिये दिनांक 21 अक्टूबर-2012 को एक सम्मेलन का आयोजन बहाई सेंटर रायपुर में किया गया। कार्यक्रम का संचालन सहायक मण्डल सदस्य श्री राकेश शोरी द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में मित्रों के मार्गदर्शन हेतु राष्ट्रीय बहाई आध्यात्मिक सभा की कोषाध्यक्ष डॉ. शीरीन महालाती विशेष रूप से उपस्थित थी। डाॅमहालाती ने उपस्थित 45-50 मित्रों को बहाई कोष के बारे में, हुकुकुल्लाह एवं बहाई चुनावों की पवित्रता आदि विषय पर अलग- अलग पॉवर प्वाइंट के सहयोग से प्रस्तुतियाँ देते हुए मित्रों के ज्ञान को बढ़ाया एवं स्थानीय सभाओं के सदस्यों से परिषद हेतु मतदान कराया। सहायक मण्डल सदस्य एवं राज्य संयोजक श्री शिवकुमार साहू ने संस्थान प्रक्रिया एवं उसकी गुणवत्ता पर मित्रों का ध्यानाकर्षित किया तथा परिषद की ओर से परिषद सदस्य श्री मनीष चैहान द्वारा परिषद की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी गयी। इसी प्रकार परिषद का दूसरा सम्मेलन बहाई भवन भोपाल में 20 एवं 21 अक्टूबर-2012 को बड़े ही उल्लासमय वातावरण में सम्पन्न हुआ। पहले दिन के कार्यक्रम का संचालन सहायक मण्डल सदस्य श्री पातीराम नरवरिया द्वारा किया गया जिसमें प्रमुख वक्ता श्री पयाम शोगी रहे। श्री शोगी ने मित्रों को यह बताने का प्रयास किया कि हम अपनी एक दृढ़ बहाई पहचान कैसे विकसित करें तथा प्रभुधर्म की शिक्षण गतिविधि में भाग लेने की खुशी को जीवन में कैसे उतारें। कु. विवियन मर्चेंट ने अपना वक्तव्य देते हुए क्षेत्र के मित्रों को इंस्टिट्यूट फॉर स्टडीज़ इन ग्लोबल प्रोस्पेरिटी के बारे में विस्तार से बताया तदोपरांत बहाई प्रशासन एवं चुनावों की पवित्रता विषय पर विस्तारपूर्वक बताते हुए डॉ. आर. एस. यादव ने उपस्थित मित्रों को मंत्रमुग्ध किया एवं स्थानीय सभा के सदस्यों से परिषद हेतु मतदान कराया। परिषद अध्यक्ष डॉ. एफ.यू. शाद ने प्रभुधर्म का जीवन रक्त “बहाई कोष” पर अपना उद्बोधन दिया एवं मित्रों से कार्यक्रम को आत्मनिर्भर बनाने की अपील की। कार्यक्रम के अंत में परिषद की वार्षिक रिपोर्ट सचिव प्रस्तुत करते हुए उपस्थित मित्रों का आभार प्रदर्शन परिषद की ओर से किया।
• त्रिपुरा के राज्य सम्मेलन में 322 मित्रों ने भाग लिया, जिसमें से 100 स्थानीय आध्यात्मिक सभा के सदस्य थे, जिन्होंने नई परिषद की चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया। इस अवसर पर चारों सहायक मण्डल सदस्य भी उपस्थित रहे, जिन्होंने बहाई प्रशासन, स्थानीय आध्यात्मिक सभा की भूमिका एवं उनके दायित्व, बहाई चुनावों की पावनता एवं पवित्रता और मतदान जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके उपरान्त सचिव और कोषाध्यक्ष द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
त्रिपुरा में आयोजित राज्य सम्मेलन के प्रतिभागी
• ओडि़षा में राज्य सम्मेलन दो भागों पश्चिमी (लिपीरपाडा) और पूर्वी (भुवनेश्वर) क्षेत्रों में सम्पन्न हुआ। पश्चिमी क्षेत्र में हुए सम्मेलन में लगभग 120 मित्रों ने भाग लिया। जबकि पूर्वी क्षेत्र में लगभग 16 स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं से आए 116 मित्रों ने भाग लिया। दोनों जोनों में सहायक मण्डल सदस्यों के मार्गदर्शन में कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
ओडि़षा में हुए सम्मेलन के प्रतिभागी
• केरल में कन्नूर और कोचि में दो दिवसीय राज्य बहाई सम्मेलन आयोजित किया गया। जिनमें 28 दिसम्बर 2010 के संदेश के विभिन्न भागों का अध्ययन किया। बहाई कोष के बारे में मित्रों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय सभा के पृष्ठ 2 का शेष सदस्य श्री पी. के. प्रेमराजन ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। कन्नूर में श्री एम0 सरवानन और सी0 पी0 बालकृष्णन तथा कोचि में श्री गोपीनाथ कुरूप द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
• पश्चिम बंगाल में आयोजित सम्मेलन में सहायक मण्डल सदस्यों तथा परिषद के सदस्यों द्वारा बहाउल्लाह का जीवन, बहाई चुनाव की पवित्रता, बहाई कोष की महत्ता, शिक्षण गतिविधियों में भाग लेने की खुशी तलाशना और कैसे हम अपनी गतिविधियों की गुणवत्ता में वृद्धि कर सकते हैं-जैसे विषयों पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर 24 क्लस्टरों से 156 मित्रों ने भाग लिया।

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