जमशेदपुर क्लस्टर में आयोजित बाल मेले में भाग लेने वाले प्रतिभागी |
Wednesday, April 18, 2012
बाल मेले में बहाई पुस्तकें प्रदान की गईं
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अय्याम-ए-हा के दिनों में वृद्धाश्रम के संस्थापक और ट्रस्टी सहित सभी को बहाई धर्म के बारे में बताया।
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भोपाल में बहाई बाल कक्षाएँ
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पश्चिम बंगाल के मालदा गांव में एक भक्तिपरक बैठक का आयोजन किया गया
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बहुत ही आध्यात्मिकता के साथ नवरूज़ का पर्व मनाया
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मणिपुर के पनगंताबी क्लस्टर में संस्थान प्रक्रिया त्वरित करने में पायनियर ने दिया सहयोग
एक विशेष बैठक अक्टूबर 2011 में एक अन्य छोटे से गाँव में आयोजित की गई जहाँ 11 मित्र जो वहाँ विद्यमान शिक्षक व मूल अनुयायी हैं वे अपने क्लस्टर की आवश्यकताओं से संबंधित परामर्श करने के लिए आए। इन उत्साहित मित्रों के समूह को ये अनुभूति हुई की इन्हें क्लस्टर में मानव संसाधन बढ़ाने होंगे। इन मित्रों ने नवम्बर व दिसम्बर 2011 में 70 लोगों के साथ शिक्षण करने की योजना बनाई। नवम्बर से दिसम्बर बालक व बालिकाओं के अवकाश का समय होने के कारण उन्होंने निश्चय किया कि वे इन युवाओं (पनगंताबी गाँव के) से पूरे नवम्बर व दिसम्बर के प्रथम दो सप्ताह बातचीत करेंगे। उन्होंने इस गाँव के अभिभावकों व युवाओं के साथ गाँव के बच्चों की आध्यात्मिक शिक्षा के महत्व के बारे में विचार बाँटे बातचीत का उद्देश्य था विस्तृत समुदाय के युवाओं को प्रोत्साहित करें की वे बच्चों की कक्षाओं के शिक्षकों के रूप में सेवा दें।
इन डेढ़ महीनों में इनाओ व पाँच मित्र जो अधिकतर बच्चों की कक्षाओं के शिक्षक हैं, उन्होंने पनगंताबी गांव में 40 युवाओं एवं वांगपोकपी गाँव के 8 युवाओं और उनके परिवारों से बातचीत की। क्लस्टर के सहायक मण्डल सदस्य भी इन भ्रमणों व अन्योनयक्रिया के दौरान उनके साथ थे। सभी मित्रों को एक ही अभियान में लाना चुनौती बन गई। तब उन्होंने यह निर्णय लिया कि एक के बाद एक (19 दिसम्बर से 22 जनवरी 2012 तक) दो अभियान करेंगे।
यह बहुत बड़ी सफलता थी कि पनगंताबी गाँव में आयोजित रूही संस्थान की पुस्तक 1 से 3 के अभियान में 18 मित्रों ने पुस्तक-1 के समाप्त होने पर प्रभुधर्म को स्वीकार किया। पनगंताबी क्लस्टर में अभियान के बाद 13 नई बच्चों की कक्षायें आरंभ हुईं। इनमें से 10 नियमित भक्तिपरक बैठकें अपने घर में आयोजित कर रहे हैं। यह अभियान वास्तव में पड़ोसी दो क्लस्टरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना। जब उन्होंने इस अभियान में युवाओं की ग्रहणशीलता देखी, तो वे अपने क्लस्टर में युवाओं से बातचीत शुरू करने की योजना बनाने लगे।
इन नई बच्चों की कक्षाओं के परिणाम से उत्पन्न उत्साह व ऊर्जा ने पनगंताबी क्लस्टर को नया जीवन प्रदान किया है। 19 दिवसीय सहभोज नियमित रूप से आयोजित हो रहे हैं। दो अध्ययन वृत्त कक्षायें, फरवरी 2012 के महीने में आरंभ हुईं और दो प्रतिभागियों ने पाठ्यक्रम के प्रथम दिन प्रभुधर्म में अपनी आस्था व्यक्त की। वर्तमान में पायनियर व 5 मित्रों के समूह, समुदाय में चल रहीं 15 बच्चों की कक्षाओं और भक्तिपरक बैठकों के साथ संलग्न हैं। वे शिक्षकों को पाठ योजना बनाने में व अभिभावकों से मिलने में सहयोग देते हैं। हम इन मित्रों के दल में ‘‘व्यक्तियों के केन्द्र का विस्तार’’ को पनगंताबी क्लस्टर में देख सकते हैं।
पनगंताबी क्लस्टर को अब चल रही बच्चों की कक्षाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है।
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रिज़वान के पहले दिन आध्यात्मिक सभा का चुनाव करें
विश्व न्याय मंदिर ने 17 जुलाई 2003 के अपने पत्र में इस बात पर चिन्ता व्यक्त की थी कि भारत में स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं की संख्या में गिरावट आई है। प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि पिछले कुछ सालों से स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं की संख्या लगातार कम होती चली जा रही है। सर्वोच्च संस्था की चिन्ता हम सब की चिन्ता का विषय होना चाहिये।
राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा ने राज्य बहाई परिषदों और राज्य प्रशासनिक समितियों को लिखे गये 16 मार्च 2004 के अपने पत्र में इस विषय की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया था।
विश्व न्याय मंदिर ने 31 दिसम्बर 1995 के अपने पत्र में लिखा था कि स्थानीय आध्यात्मिक सभा का चुनाव मुख्य रूप से क्षेत्र विशेष के बहाइयों का दायित्व है। सन् 1997 से पूरी दुनिया में स्थानीय आध्यात्मिक सभाओं का चुनाव केवल रिज़वान के पहले दिन ही किया जा रहा है अर्थात् 20 अप्रैल के सूर्यास्त के बाद और 21 अप्रैल के सूर्यास्त के पहले का समय आध्यात्मिक सभाओं के चुनाव का समय पूरी दुनिया के बहाई समुदाय के लिये निर्धारित किया गया है।
आप जानते हैं, बहाई चुनाव पूरी तरह से आध्यात्मिक माहौल में होता है, इस पर राजनीतिक चुनाव अर्थात् प्रचार, उम्मीदवारी आदि की काली छाया नहीं पड़नी चाहिये। आप यह भी जानते हैं कि प्रत्येक वयस्क बहाई (21 वर्ष अथवा इससे अधिक उम्र के) चुनाव में मतदान करते हैं। आप यह भी जानते हैं कि वैसे नौ लोगों के नाम हम मतपत्र पर लिखते हैं जिनकी प्रभुधर्म के प्रति वफादारी असंदिग्ध होती है, जो अनुभवी और समर्पित होते हैं। आइये यह जानें कि एक बहाई का सम्बन्ध स्थानीय आध्यात्मिक सभा के साथ क्या होना चाहिये। अब्दुल-बहा ने इस सम्बन्ध में लिखा है: ‘‘.....हर व्यक्ति के लिये यह आवश्यक है कि आध्यात्मिक सभा से परामर्श किये बगैर कोई भी कदम वह न उठाये और पूरे तन-मन से उसके आदेश के प्रति आज्ञाकारी बना रहे, ताकि सब कुछ व्यवस्थित ढंग से चल सके।’’ धर्मसंरक्षक का मार्गनिर्देश कुछ इस प्रकार है: ‘‘बिना किसी अपवाद के सब को, प्रभुधर्म के हित के सभी विषय व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक तौर पर उस स्थान की आध्यात्मिक सभा के पास ले जाना चाहिये, जो उस पर निर्णय लेगी..मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ और इस सिद्धांत के पक्ष में हूँ कि कुछ खास व्यक्तियों को वह केन्द्र नहीं बना लिया जाना चाहिये, जिनके गिर्द पूरा समुदाय चक्कर लगाये...’’ और अब जानें की आध्यात्मिक सभा का अपने अनुयायियों के साथ क्या सम्बन्ध होता है: ‘‘ जिन्हें मित्रों ने स्वतंत्रतापूर्वक और सोच-समझ कर अपने प्रतिनिधि के रूप में चुना है उनके कर्तव्य उनसे कम महत्वपूर्ण और नियंत्रणकारी नहीं हैं जिन्होंने उन्हें चुना है। उनका कर्तव्य आदेश देना नहीं, अपितु परामर्श करना है और केवल अपने बीच परामर्श नहीं करना है, अपितु जहां तक सम्भव हो उन मित्रों के साथ भी परामर्श करना है जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें अपने को प्रभुधर्म की सर्वाधिक प्रभावशाली और गरिमामय प्रस्तुति के साधन के अतिरिक्त कुछ और नहीं मानना चाहिये।.... उन्हें अपने कार्यों के प्रति अत्यन्त विनम्र रहना चाहिये और खुले दिमाग से यह कोशिश करनी चाहिये कि किस प्रकार मित्रों का कल्याण हो, प्रभुधर्म के हित में कार्य किया जाये, मानवता की भलाई की जा सके और किस प्रकार न केवल उनका विश्वास, सच्चा समर्थन तथा सम्मान वे प्राप्त कर सकें, जिनकी सेवा उन्हें करनी चाहिये, अपितु उनका सच्चा स्नेह और प्रेम भी वे पा सकें।’’
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पंचगणी में आईएसजीपी सेमिनार
इस सेमिनार का उद्दश्य युवाओं में समाज के संवादों में भाग लेने की क्षमता को बढ़ाना और उन्हें भौतिक वातावरण से दूर रहने में सहायता प्रदान करना था जो वे विश्वविद्यालयों में पाते हैं।
इस सेमिनार से युवाओं को विचार और कार्य करने के एक ढांचे के लिए आवश्यक कुछ अवधारणों पर चर्चा करने का अवसर प्राप्त हुआ। जैसे-सामाजिक कार्रवाई पर विमर्श की अवधारणा, व्यक्ति की सही प्रकृति को समझना और कैसे वह अपने व्यवस्थित पर्यावरण के साथ जुड़ा है, इत्यादि। सेमिनार के आरम्भ में युवाओं ने इन विषयों पर समीक्षा की और उसी दौरान सेवा के कार्यों द्वारा सभ्यता के विकास की प्रक्रिया को विकसित करने की अपनी मंशा की पुष्टि की।
हालांकि कुछ अवधारणायें समझने में कठिन थीं परन्तु प्रतिभागी सक्रिय रूप से सीखने की प्रक्रिया में व्यस्त रहे आरै स्नेहमय वातावरण में एक-दूसरे की सहायता करते रहे। इस सेमिनार का एक उद्देश्य युवाओं की बौद्धिक क्षमताओं के साथ-साथ उनकी भाषा की क्षमताओं को बढ़ाना भी था।
यह सेमिनार बहाई समुदाय द्वारा बनाये गये सामाजिक, आर्थिक विकास और सामाजिक संवाद में भाग लेने के क्षेत्र में युवाओं के प्रयासों की विशेषताओं की शुरूआत है।
इस सेमिनार में प्रत्येक दिन बाहर खेले जाने वाले खेल का समय निधारित था। यह दिनचर्या का एक हिस्सा बन गया था जिसका सभी प्रतिभागी इंतजार करते थे।
कुल मिलाकर यह सेमिनार बहाई समुदाय के सं दर्भ में सामाजिक परिवर्तन और कार्य में योगदान करने के लिए प्रतिभागियों की समझ और प्रतिबद्धता को मज बूत बना ने के लिए एक लाभदायक अनुभव था।
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State/Regional Bahá'í Councils for 2011-2012
1. Mr. V. Devikumar
2. Mrs. E. Mamatha
3. Mr. S. Kalyani Sudhakar
4. Mr. P. Gopinath
5. Mrs. Y. Savithri Reddy
6. Mr. K. Chandrasekhar
7. Mr. Ravi. Sekhar
8. Mr. D. Balasingh
9. Mr. N. C. Baskaran
ASSAM, NAGALAND, MEGHALAYA AND ARUNACHAL PRADESH
1. Mr. Mukesh Diwan
2. Dr. Shashikant Panigrahi
3. Mrs. Nirmali Sarmah
4. Mr. Anando Brahma
5. Mrs. Sharda Nayak
6. Ms. Nitumoni Mazumdar
7. Dr. Nani Obing
8. Ms. Sunita Rai
9. Mrs. Sebika Gogoi
BIHAR AND JHARKAND
1. Mr. Dipendra Kumar Chandan
2. Mr. Krishnanandan Prasad
3. Mr. Chotelal Babu Prasad
4. Mr. Vidya Sagar Rai
5. Mr. Nand Kishore
6. Mr. Shailendra Kumar Prasad
7. Mrs. Rekha Sinha
8. Ms. Rashmi (Pun Pun)
9. Mr. Kaushal Kumar Sharma
GUJARAT
1. Mr. Rajesh Ahire
2. Mr. Prashant Chinubhai
3. Mr. Jayesh Bhoye
4. Mr. Chetan Parikh
5. Ms. Jyoti Ahire
6. Mr. Vasant Bagul
7. Mr. Jasubhai Bhoye
KARNATAKA
1. Mr. Ravi Kiran
2. Mrs. Izzat Ansari
3. Mr. Laxmi Narayan
4. Capt. Mallikarjun
5. Mr. Chandrasekhar
6. Mr. Srinath D. T.
7. Mr. Vasanth Kumar
8. Mr. Manche Gowda
9. Mr. Balaji Rao
KERALA
1. Mr. M. Sarvananan
2. Mr. P. Gopinath Kurup
3. Mr. K. P. Srimathi
4. Mr. C. P. Balakrishnan
5. Mrs. Anitha Ponappan
6. Mr. K. P. Gopalakrishnan
7. Mr. Unnais from Thirur
8. Ms. Sujila M
9. Mr. Harindran Challan
MADHYA PRADESH AND CHATTISGARH
1. Mr. Sachin Patel
2. Dr. F. U. Shaad
3. Mrs. Lalitha Sharma
4. Mrs. Manna Dey
5. Mr. Jaideep Mahalati
6. Mrs. Omna K. G.
7. Mrs. Roza Olyai
8. Mr. Manish Chauhan
9. Mrs. Alka Kumar
MAHARASTRAAND GOA
1. Dr. Vasudevan Nair
2. Mr. Zia Eshraghi
3. Mr. Sandeep Gore
4. Mr. Siamack Zahedi
5. Mr. Pooya Movvahed
6. Mr. Sanjeev Vasta
7. Mrs. Suniti Javanmardi
8. Mrs. Marzia Dalal
9. Mrs. Mahvash Rowhani
MANIPUR AND MIZORAM
1. Mr. Inaoton
2. Mr. Sidananda
3. Ms. Inao
4. Mrs. Sanatombi Devi
5. Mrs. Babita Devi
6. Ms. Machasana
7. Mr. Joseph
8. Ms. Ibemcha
9. Ms. Haribati
ORISSA
1. Mr. Susant Nayak Convenor
2. Mr. Aratbandu Swain
3. Mr. Sukanta Raut
4. Mr. Saubhagya Mohanty
5. Mr. Taranga Das
6. Ms. Gitanjali Swain
7. Mr. Shankar Mahji
8. Mr. Chandrasekhar Pradhan
9. Mr. Bibhuti Bhusan Sethi
PUNJAB, HARYANA, HIMACHAL PRADESH AND JAMMU & KASHMIR
1. Mr. Puran Katwal
2. Mr. Mohit Arun
3. Ms. Zohre Roshan
4. Mr. Vikas Chettri
5. Mr. Gulshan Arora
6. Mr. GabrielWilson
7. Ms. Homa Zamani
RAJASTHAN
1. Mr. Rajesh Meena
2. Mr. Sanjay Sharma
3. Ms. Nejat Haghighat
4. Ms. Sunita Thongram
5. Mr. Shiv Charan
6. Mr. Harmeet S Kohli (Gulshan)
7. Mr. Deepak Jagga
SIKKIM AND DARJEELING
1. Mrs. Rupa Pradhan
2. Mr. Tika Adhikari
3. Mr. H. M. Issa
4. Mr. Binod Pokhrel
5. Ms. Ranjana Pradhan
6. Ms. Hemlata Pradhan
7. Ms. Karuna Khati
8. Ms. Jasmine Chettri
9. Yankee Pradhan
TAMIL NADU AND PUDUCHERRY
1. Mr. Yuvraj (Chennai)
2. Mr. Bharat (Chennai)
3. Mrs. Malliga Karmegam (Vellore)
4. Mr. R Harikrishnan (Cuddalore)
5. Sunderamurthy (Virudhnagar)
6. Mrs. Kasturijeyam (Sivakasi)
7. Mr. Kannan (Puducherry)
8. Mr. Selvam (Kanchipuram)
9. Mr Selvakumar (Cuddalur)
TRIPURA
1. Mr. Bibhuti Ranjan Karmakar
2. Mr. Prabir Debnath
3. Mr. Bikas Dhar
4. Mr. Manish Deb
5. Mr. Uttam Mitra
6. Mr. Pankaj Dhar
7. Mr. Bandhu Prasad Roy
8. Mr. Keshab Roy
9. Mr. Alok Kar
UTTAR PRADESH, UTTRAKHAND AND DELHI
1. Mr. Prem Singh
2. Mr. Elham Mohajer
3. Mr. Sudhir Upadhyay
4. Mr. Pramod Kumar
5. Mr. Sanjeev Upadhyay
6. Mr. Satya Prakash (Bidhuna)
7. Mrs. Shaheda Shaukat
8. Mr. Ram Sevak Yadav
9. Mr. Ram Vilas
WEST BENGAL
1. Mr. Pradeep Bhattacharya
2. Mr. Bulbul Sarkar
3. Mr. Pallab Guha
4. Mr. Kamran Hemmati
5. Mr. Bablu Ghosh
6. Mr. Monishankar Maity
7. Mr. Sayyid Ali
8. Mr. Arindam Chatterjee
9. Ms. Zeba Alam
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The Passing of Anneliese Bopp, 1921-2012
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Visit to Travancore Palace
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Visit to Surgana Cluster
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बहाई उपवास
उपवास मनुष्य के पुनरुत्थान का कारण है, इससे हृदय कोमल बन जाता है और मनुष्य में आध्यात्मिकता की वृद्धि होती है। इसका निर्माण इस वास्तविकता से होता है कि मनुष्य के विचार ईश्वर को याद करने में केन्द्रित होते हैं और इस पुनर्जीवन और प्रेरणा के बाद उन्नति संभव होती है। उपवास दो प्रकार के हैं-भौतिक और आध्यात्मिक। भौतिक उपवास खान-पान से दूर रहना है यानि शारीरिक भूख से दूर रहते हैं। परन्तु आध्यात्मिक अथवा वास्तविक उपवास यह है कि मनुष्य व्यर्थ कल्पनाओं से और अमानवीय गुणों से दूर रहते हैं। इसलिए भौतिक उपवास आध्यात्मिक उपवास का एक प्रतीक है जैसे कि ‘‘हे दिव्य विधाता! विरक्त हूँ जिस तरह मैं दैहिक कामनाओं, अन्न और जल से, मेरा हृदय भी शुद्ध और पावन कर दे वैसे ही, अपने अतिरिक्त अन्य सब के प्रेम से; भ्रष्ट इच्छाओं और शैतानी प्रवृत्तियों से मेरी आत्मा को बचा, इसकी रक्षा कर, ताकि मेरी चेतना पवित्रता की सांस के साथ संलाप कर सके और तेरे उल्लेख के सिवा अन्य सबका परित्याग कर सके।’’
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गुजरात में गांधी नगर के बहाई भवन में एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया
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दक्षिण दिल्ली में एक भक्तिपरक बैठक का आयोजन किया गया
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सुश्री नाज़नीन रौहानी और श्रीमती ज़ीना सोराबजी ने त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री श्री मानिक शंकर को प्रभुसंदेश दिया
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विश्व न्याय मन्दिर - संदेश 16 फरवरी 2012
16 फरवरी 2012
सभी राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभाओं को
प्रिय बहाई मित्रगण,
दक्षिण अमेरिका के मातृ मन्दिर के निर्माण के सिलसिले में हुए विकास के अनेक कामों के बारे में जानकारी देते हुए हमें खुशी हो रही है। दो सप्ताह पहले चिली की एक प्रतिष्ठित फर्म को भवन की नींव तथा कंक्रीट के सभी कामों के लिये अनुबंध-पत्र दिया गया है। खुदाई का काम पूरा हो जाने और नींव तथा प्लाज़ा के क्रम-निर्धारण के बाद भूतल में अब काम शुरू हो चुका है, माल लाने-ले जाने के लिये सुरंग का निर्माण किया जा चुका है, कंप्यूटर पर तैयार किये गये मॉडल के आधार पर भूकम्प निरोधी महत्वपूर्ण सावधानियों को ध्यान में रखते हुए भूतल और बीच के तल्ले के ढाँचे का निर्धारण कर लिया गया है। और आज, अनेक महीनों के मूल्यांकन और मूल्य-निर्धारण के बाद वैकल्पिक निविदाओं के बीच से एक का चुनाव कर मन्दिर परिसर के निर्माण के लिये जर्मनी के एक जाने-माने कांट्रैक्टर को अनुबंध-पत्र दे दिया गया है। ढाँचा तीस मीटर ऊँचा होगा और बाहरी तथा अंदर के पाँच सौ टन के बोझ को सम्हालने में सक्षम होगा। लोहे के नौ ढाँचे लंगर के सहारे आपस में जुड़े होंगे जो यह सुनिश्चित करेंगे कि पूरे किये गये डिज़ाइन के सौन्दर्यपरक प्रभाव को बनाये रखें।
Chile Baha'i Temple |
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राज्यों में आयोजित विंटर स्कूलों की झलक
Gwalior Baha'i Winter School |
Indore Baha'i Winter School |
Kerala Baha'i Winter School |
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू और कश्मीर की क्षेत्रीय बहाई परिषद द्वारा 27 से 29 जनवरी 2012 तक चंड़ीगढ़ में परामर्श सम्मेलन के साथ विंटर स्कूल का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर सलाहकार श्रीमती ग्लोरिया जावेद, राष्ट्रीय सचिव सुश्री नाज़नीन रौहानी और सहायक मण्डल सदस्य भी उपस्थित थे। उन्होंने प्रतिभागियों के साथ क्षेत्र में विकास प्रक्रिया पर चर्चा की। इस सम्मेलन में बच्चे, युवा और वयस्क मिलाकर लगभग 60 मित्रगण शामिल हुए। मित्रों ने विश्व न्याय मंदिर के संदेश 28 दिसम्बर 2010, 12 दिसम्बर 2011 और 29 अगस्त 2010 का गहन अध्ययन किया। विंटर स्कूल के दौरान युवा अपने क्षेत्र में विकास प्रक्रिया में तीव्रता लाने के प्रति बहुत उत्साहित लग रहे थे। प्रतिभागियों ने अपने क्लस्टर के लिए योजना बनाई जिसे रिज़वान 2012 से पहले पूरा किया जा सके। युवाओं ने लघु नाटिका, गीत और नृत्य प्रस्तुत किये, जिसे देखकर प्रतिभागी प्रभुधर्म की सेवा के लिए प्रोत्साहित हुए।
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