11 और 12 फरवरी 2013 को सलाहकार ओमिद सियोशानसियान ने
सहायक मण्डल सदस्यों श्री रजनीश सिंह के साथ मिलकर अलौली
और खगडि़या क्लस्टरों का भ्रमण किया। यह पहला अवसर था
जब सलाहकार ओमिद ने उत्तरी बिहार का भ्रमण किया है। प्रशासनिक
दृष्टि से खगडि़या क्षेत्र 7 ब्लॉक में विभाजित है, सात ब्लॉक
तीन क्लस्टरों: खगडि़या, अलौली, बैलदुर में विभाजित हैं। खगडि़या के मित्रगण 12 गाँवों
के साथ कार्य कर रहे हैं। इन बारह गांवों में से खटाहा और गौचारी पर
सघन गतिविधियों के केन्द्र के लिए विचार किया जा रहा है,
दोनों में
50 से अधिक मूल गतिविधियों चल रही हैं। अलौली
के मित्रगण 5 गांवों के साथ कार्य कर रहे हैं। हथवान और
राउन गांवों में 50 से अधिक गतिविधियों हो रही हैं। खगडि़या के
भ्रमण में मुख्यतः क्लस्टर एजेंसियों के साथ संयुक्त बैठक शामिल
थी, जिसमें
विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई। जैसे-पिछले 10
महीनों के दौरान
स्टडी सर्कल में प्रतिभागियों का नियमित प्रवाह, पिछले कुछ चक्रों में बच्चों और किशोरों
की संख्या कायम रखना, पिछली अवधि के दौरान क्लस्टर में कक्षाओं में कमी के विभिन्न कारण,
संसाधनों और शिक्षण
मूल गतिविधियों में महिलाओं की प्रतिभागिता का स्तर और गांव
की समस्त जनसंख्या पर गतिविधियों का प्रभाव। खगडि़या
क्लस्टर में विषय स्पष्ट थे, अलौली क्लस्टर में शिक्षण मूल गतिविधियों में महिलाओं
की प्रतिभागिता की स्थिति विपरीत है। 33 शिक्षकों में से केवल
एक महिला शिक्षक और 35 अनुप्रेरकों में से केवल 3 महिला अनुप्रेरक हैं।
यह महसूस किया गया कि यह शायद एजेंसियों द्वारा इस क्लस्टर
में पुरुष संयोजकों पर ही ध्यान दिये जाने के कारण हुआ। खगडि़या
और अलौली के सघन गतिविधियों के केन्द्र में जो विकास देखने को मिला वह था आध्यात्मिक
शिक्षण कार्यक्रम में बच्चों और किशोरों का उच्च प्रतिशत में
भाग लेना।
Monday, July 22, 2013
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