एक बहाई प्रतिनिधिमण्डल ने जिसमें सलाहकार राजन सावंत, डॉ. मंगेश तेली, श्री लेसन आज़ादी, डॉ. पंडित पालंदे और श्रीमती ज़ीना सोराबजी शामिल थे, हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम श्री शंकरनारायण से मुलाकात की।
महाराष्ट्र के राज्यपाल के साथ बहाई प्रतिनिधि मंडल बायें से दायें - डॉ. मंगेश
तेली, श्रीमती
ज़ीना सोराबजी, महामहिम श्री शंकरनारायण, सलाहकार राजन सावंत, श्री लेसन आज़ादी और डॉ. पंडित पालंदे
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राज्यपाल ने उनका हार्दिक स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वे उन्हें बहाई धर्म के मौलिक सिद्धांत और हमारे द्वारा नैतिक शिक्षा पर दिये जा रहे बल के विषय में अवगत कराना चाहते हैं। राज्यपाल ने प्रत्युत्तर में कहा कि दुर्भाग्य से नैतिक मूल्य अब समाप्त हो गये हैं। परिवार बिखर रहे हैं और संयुक्त परिवार की प्रणाली, जो युवा पीढ़ी को नैतिकता प्रदान करती थी, अब नहीं रही है, मध्य पीढ़ी अब अपने बड़ों के बिना रहना चाहती है। प्रतिनिधिमंडल ने शहरी और ग्रामीण दोनों स्थानों पर बहाई शिक्षाओं से प्रेरित स्कूलों के बारे में बताया जो बच्चों में नैतिक मूल्यों को आत्मसात करने के लिए उन्हें शिक्षित कर रहे हैं। डॉ. तेली ने उल्लेख किया कि हमारे पास बहाई अकादमी जैसे प्रशिक्षण संस्थान हैं, जो विश्व- विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को उनके आध्यात्मिक आयाम को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। श्री आज़ादी ने समझाया कि अकादमी क्या कार्य कर रही है और यह कई सालों से इस कार्य को करती आ रही है। इसने कुछ विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन किया है जो इसके प्रशिक्षण की पेशकश के साथ बहुत खुश हैं।
बहाई धर्म की और अधिक जानकारी युक्त किट राज्यपाल को भेंट की गई और इसके साथ ही उन्हें दिल्ली में बहाई उपासना मन्दिर का भ्रमण करने के लिए भी आमंत्रित किया गया।
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