Thursday, January 20, 2011

जनगणना 2011 के लिए आपका दायित्व और आपसे अपेक्षित सहायता

1. राज्य/क्षेत्रीय बहाई परिषद द्वारा नियुक्त राज्य जनगणना कार्यबल से सम्पर्क करें अथवा सीधे परिषद से सम्पर्क स्थापित करें और उनकी सहायता करें।

2. सहायक मंडल सदस्य से सम्पर्क करें और उन्हें अपनी सहायता दें।

3. राज्य/क्षेत्रीय बहाई परिषद, सहायक मंडल सदस्य अथवा जनगणना कार्यबल द्वारा आयोजित सम्मेलनों में भाग लें और उन्हें सहायता दें।

4. अपने क्षेत्र के और आस-पड़ोस के गाँवों के बहाइयों को जनगणना के महत्व से सम्बन्धित जानकारी दें।

5. बहाई परिषद से सम्पर्क कर अपना पहचान-पत्र पायें। इस पहचान-पत्र को दिखाकर जनगणना करने वाले को आप अपने बहाई होने के सम्बन्ध में आश्वस्त कर सकते हैं।

6. आमतौर पर सरकारी स्कूलों के शिक्षक जनगणना करने वालों के रूप में नियुक्त किये जाते हैं। अगर आपके क्षेत्र में कोई ऐसे बहाई हैं जो स्कूल शिक्षक हैं तो हो सकता है, जनगणना अधिकारी के रूप में वह भी काम कर रहे हों। उन्हें कहें कि अपने साथी अधिकारियों के बीच इस आशय की बात करें कि बहाई धर्म एक स्वतंत्र धर्म है। इससे जब कोई बहाई अपना धर्म 'बहाई' लिखवाना चाहेगा तो वे इसे नकारेंगे नहीं।
7. अगर आपकी सभी कोशिशों के बावजूद जनगणना करने वाले आपका धर्म 'बहाई' नहीं लिखते हैं तो उन जनगणना अधिकारी का नाम नोट कर लें और इस आशय की शिकायत जनगणना कार्यालय में दर्ज करायें।
8. अपने क्षेत्र की बहाई महिलाओं की जानकारी बढ़ायें। अक्सर जब जनगणना करने वाले आते हैं तो महिलायें ही घरों में हुआ करती हैं उन्हें यह हिदायत दें कि अपना और अपने परिवार के बहाई सदस्यों का धर्म 'बहाई' लिखवायें।
9. जनगणना करने वाले अधिकारी आपके घरों में आयेंगे। हो सकता है, वह आपका धर्म पूछें भी नहीं। आपको खुद यह सुनिश्चित करना है कि आपका धर्म 'बहाई' लिखा जाये।
10. आप सजग और सचेत रहें और जनगणना करने वाले पदाधिकारियों के आने की प्रतीक्षा करें। अन्य बहाई मित्रों की सहायता करें ताकि अपना धर्म वह बहाई लिख सकें।

जनगणना 2011 के लिये कुछ मार्गनिर्देश प्रत्येक अनुयायी के लिए

बहाई धर्म की स्वतंत्र पहचान बनाने के लिए हम आपको एक अच्छे काम से जुड़ने के लिये आमंत्रित कर रहे हैं। आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में बहाई रहते हैं और इसकी कुल आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा भारत में निवास करता है, जो बहाउल्लाह की शिक्षाओं के अनुसार जीवन-यापन कर रहा है। अपने अधिकार की रक्षा करें और साथ ही अपने साथी बहाइयों के अधिकार की रक्षा करें। आपका और आपके साथी बहाइयों का यह अधिकार है कि जनगणना अधिकारी जब आपके बारे में पूछताछ करने आयें तो अपना धर्म आप और आपके साथी 'बहाई' लिखवायें।

अपना धर्म 'बहाई' लिखवाने की राह में जो बाधायें आसकती हैं उनसे परिचित हो जायें अपना धर्म 'बहाई' दर्ज क़राने के महत्व की जानकारी पाने के अलावा आपको उन कारणों की जानकारी भी होनी चाहिये, जिनकी वजह से जनगणना करने वाले 'अन्य' के कॉलम में आपका धर्म बहाई नहीं लिख पाते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं :

1. जनगणना करने वाले अक्सर किसी व्यक्ति के नाम से उसके धर्म का निर्धारण कर लेते हैं।

2. कभी-कभी जनगणना करने वाले ग्राम प्रधान से सम्पर्क कर उनकी सहायता से एक ही जगह पर बैठकर पूरे गाँव का ब्योरा फॉर्म में भर लेते हैं।

3. ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर बहाई मित्रगण अपने अधिकार का उपयोग करने में हिचकिचाते हैं और दूसरों के सामने अपने को बहाई कहने से कतराते हैं, खासकर जब कोई सरकारी पदाधिकारी उनसे उनके बारे में ब्योरा मांगते हैं।

4. जनगणना के फॉर्म में जो कॉलम बने होते हैं उनमें भारत के सभी प्रमुख धर्मों का विवरण होता है। अल्पसंख्यक समुदायों के लिये 'अन्य' शीर्षक से एक कॉलम होता है। इसी कॉलम में बहाइयों को अपना धर्म 'बहाई' लिखना होगा।

5. चूंकि जनगणना करने वालों को बहाई धर्म की स्वतंत्र धर्म के रूप में जानकारी नहीं होती, इसलिये धर्म के कॉलम में वह बहाई लिखने से मना भी कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में एक बहाई को चाहिये कि जनगणना करने वाले अधिकारी का नाम वह नोट कर लें और अपने पास के जनगणना कार्यालय से सम्पर्क कर शिकायत दर्ज क़रायें।

ग्वालियर में हर्षोल्लास से मनाया गया बहाउल्लाह का जन्मोत्सव

छत्तीसगढ़ के दुर्ग समुदाय समूह में प्रशिक्षण संसथान अभियान


इंदौर में विंटर स्कूल संपन्न

ऐतिहासिक रहा भोपाल का क्षेत्रीय सम्मेलन

13 और 14 नवम्बर को 200 बहाई मित्रों ने इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

क्षेत्रिय सम्मेलन में 'बहाउल्लाह का पद एवं एक सच्चा अनुयायी' एवं 'बहाई चुनाव' विषय पर वक्तव्य देते हुवे राष्ट्रीय बहाई अध्यात्मिक सभा के सदस्य डॉ. आर. एस. यादव.

क्षेत्रीय बहाई परिषद् मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्तुत करते हुवे परिषद् सचिव श्री. एस. एन. पटेल
 



Tuesday, January 11, 2011

विशाखापट्नम में बहाई विधिविधान के साथ विवाह सम्पन्न

विशाखापट्नम, आंध्र प्रदेश के श्री टी. जया राजू और श्रीमती रत्ना कुमारी की सुपुत्री सुश्री टी. डी. कमला और श्री एम. माधव राव और श्रीमती सूर्या कुमारी के सुपुत्र श्री जगदीश कुमार का विवाह 26 अगस्त 2011 को स्थानीय आध्यात्मिक सभा के तत्वावधान में बहाई विधिविधान के साथ सम्पन्न हुआ। इस सुअवसर पर अनेक परिवारजन और मित्रगण उपस्थित थे।

लखनऊ में क्षेत्रीय सेमिनार सम्पन्न

अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार श्री प्रवीण कुमार मल्लिक और महाद्विपीय सलाहकार श्री ओमीद सियोशानसियान के साथ सेमिनार के प्रतिभागी